International News - Today News in Hindi | Today News Headline in Hindi | International Latest News | International Breaking Newshttps://www.myallinone.inInternational news means news that gives information about different countries and segments of the world. In international news you are informed about politics, industry, security, social, cultural, science, environment, sports, entertainment and other topics.hiफ्रांस की राजधानी पेरिस में हाईवे पर हाई वोल्टेज केबल से टकराकर क्रैश हुआ विमान, तीन की मौत, जांच जारीhttps://www.myallinone.in/plane-crashes-after-hitting-high-voltage-cable-on-highway-in-france-039-s-capital-paris-three-dead-investigation-underwayParis Jet Crash: फ्रांस में हाईवे पर प्राइवेट जेट बिजली की केबल से टकराकर क्रैश हो गया, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई। एविएशन मिनिस्ट्री ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

Paris Jet Crash:फ्रांस की राजधानी पेरिस में रविवार को एक प्राइवेट जेट बिजली की तार से टकरा गया, जिसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई। ब्रिटेन की मीडिया हाउस मेट्रो के अनुसार, घटना शाम 4 बजे हुई। मरने वालों में एक महिला भी शामिल है। यह हादसा नेशनल हाईवे A4 पर हुआ, जहां जेट ने क्रैश से आधे घंटे पहले ही उड़ान भरी थी। प्लेन सेसना 172 मॉडल का है।

हादसे के बाद जेट में आग लग गई
पुलिस के मुताबिक, जेट का ऊपरी हिस्सा एक हाई वोल्टेज इलेक्ट्रिक पावर केबल से टकरा गया, जिसके बाद जेट में आग लग गई। हादसे के बाद हाईवे पर कुछ देर के लिए  ट्रैफिक रोक दिया गया। इसके रेस्क्यू टीम ने बचाव अभियान चलाया। बताया जा रहा है कि प्लेन उड़ा रहे पायलट को पिछले साल ही लाइसेंस मिला था। पायलट को महज 100 घंटे का जेट उड़ाने का अनुभव था। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की। 

एविएशन मिनिस्ट्री ने शुरू की जांच
एविएशन मिनिस्ट्री ने मामले की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस साल अब तक दो प्राइवेट जेट A4 नेशनल हाईवे पर हादसे का शिकार हो चुके हैं। इससे पहले भी स्थानीय अधिकारियों ने इस हाईवे से उड़ान भरने पर सवाल उठाए थे। छुट्टी का दिन होने के कारण हाईवे पर ज्यादा गाड़ियां थीं। हालांकि, गनीमत रही कि जेट सड़क पर चल रही किसी गाड़ी से नहीं टकराया। 

फ्रांस का सबसे बड़ा प्लेन क्रैश 1962 में हुआ था
फ्रांस का सबसे बड़ा विमान हादसा 1962 में हुआ था। एयर फ्रांस का बोइंग 707 विमान पेरिस के ओर्ली एयरपोर्ट पर उड़ान भरने के समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 130 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ था।

2015 में भी फ्रांस में क्रैश हुआ था प्लेन
24 मार्च, 2015 को जर्मनविंग्स एयरबस A320 विमान फ्रांसीसी आल्प्स की खाड़ी में क्रैश हो गया था। इस हादसे में प्लेन में सवार सभी 150 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा स्पेन  के बार्सिलोन से  जर्मनी के डसेलडोर्फ के बीच उड़ान भरने के दौरान हुआ था। विमान के को-पायलट, एंड्रियास लुबित्ज, ने जानबूझकर पायलट को कॉकपिट से बाहर कर दिया और फिर विमान को पहाड़ की ढलान पर गिरा दिया। जांच में पाया गया था कि विमान का पायलट डिप्रेशन का शिकार था। 

]]>
https://www.myallinone.in/plane-crashes-after-hitting-high-voltage-cable-on-highway-in-france-039-s-capital-paris-three-dead-investigation-underway02-Jul-2024 1:11:14 pm
नासा के अंतरिक्ष यान ने 100 KM दूर से चंद्रमा पर विक्रम लैंडर के भेजी लेजर किरणें, रोशनी लौटी तो खुशी से झूम उठे वैज्ञानिकhttps://www.myallinone.in/nasa-spacecraft-sent-laser-rays-from-vikram-lander-to-the-moon-from-100-km-away-scientists-rejoiced-when-the-light-returnedनासा ने यह पता लगाने में सफलता हासिल की कि दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर सटीक रूप से कहां स्थित है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। नासा ने अपने अंतरिक्ष यान से चंद्रमा पर स्थित भारत के चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर पर 100 किमी दूर से लेजर किरणें फेंकी। जब किरणें लौटकर आईं तो अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

बता दें, भारत का विक्रम लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर है। अपना काम पूरा करने के बाद से विक्रम लैंडर सुप्त अवस्था में है।

इस बीच, नासा ने जानकारी दी कि लेजर किरण को लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) और विक्रम लैंडर पर छोटे आकार के उपकरण के बीच प्रसारित और परावर्तित किया गया। इस सफलता का अर्थ है कि चंद्रमा की सतह पर लक्ष्य का सटीक पता लगाने का रास्ता खुल गया है।

नासा ने यह पता लगाने में सफलता हासिल की कि दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर सटीक रूप से कहां स्थित है। अब नासा का कहना है कि लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में मंजिनस क्रेटर के पास एलआरओ से 100 किलोमीटर दूर था।

किसी वस्तु की ओर लेजर पल्स भेजना और यह मापना कि प्रकाश को वापस लौटने में कितना समय लगता है। यह जमीन से पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों के स्थानों को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है।

]]>
https://www.myallinone.in/nasa-spacecraft-sent-laser-rays-from-vikram-lander-to-the-moon-from-100-km-away-scientists-rejoiced-when-the-light-returned24-Jan-2024 1:35:01 pm
56 साल की महिला ने बेटे और बहू के बच्चे को दिया जन्म, कैसे हुआ ये?https://www.myallinone.in/surrogacy-56-year-old-grandmother-gave-birth-to-her-own-granddaughter-know-the-whole-matterUS News: विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपको सरोगेसी की कई कहानियां मिल जाएंगी. ऐसा ही एक घटना अमेरिका में साने आई है जहां एक महिला ने सरोगेट बन और अपने बेटे और बहू के बच्चे को जन्म दिया. द पीपल के अनुसार महिला की बहू हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय के सभी या एक हिस्से को हटाने के लिए एक सर्जिकल ऑपरेशन) से गुजरने के बच्चे को जन्म देने में असमर्थ थी.

जेफ हॉक की 56 वर्षीय मां नैन्सी हॉक ने जब उनके और उनकी पत्नी कंब्रिया के सामने सरोगेट की जिम्मेदारी उठाने का विकल्प रखा, तो उन्होंने इसे एक संभावना के रूप में नहीं लिया. हालांकि,  यह विकल्प काम कर गया और नैंसी ने दंपति के पांचवें बच्चे को जन्म दिया - एक बेटी.

हॉक, जो एक वेब डेवलपर हैं, ने पूरे अनुभव को "एक सुंदर क्षण" कहा. उन्होंने कहा, ‘कितने लोग अपनी मां को जन्म देते हुए देख पाते हैं." द पीपल की रिपोर्ट में कहा गया है कि नैन्सी हॉक बच्चा पैदा करने की नई भावनाओं का सामना कर रही हैं, लेकिन बच्चे को अपने साथ घर नहीं ला रही हैं.

‘छोटी बच्ची का रखा गया नाम’
छोटी बच्ची का नाम भी हन्ना रखा गया है. मिस्टर हॉक ने कहा कि उनकी मां आधी रात को उठी और एक आवाज सुनी जो कह रही थी "मेरा नाम हन्ना है." कंबीरा ने बताया कि ‘नैन्सी नाम हन्ना से आया है. उन दोनों का अर्थ अनुग्रह है.’ रिपोर्ट के मुताबिक यूटा टेक यूनिवर्सिटी में काम करने वाली दादी को विश्वास हो गया था कि बच्चा लड़की ही होगी.

]]>
https://www.myallinone.in/surrogacy-56-year-old-grandmother-gave-birth-to-her-own-granddaughter-know-the-whole-matter05-Nov-2022 4:45:53 pm
90 मिनट के लिए हुई थी मौत, होश आने पर लोगों ने किया सवाल- क्या देखा?https://www.myallinone.in/death-happened-for-90-minutes-on-regaining-consciousness-people-asked-the-question-what-did-they-seeसाइंस बहुत आगे निकल गई है फिर मौत की सच्चाई जानने में दुनिया भर के वैज्ञानिक कहां खड़े हैं यह किसी से छिपा नहीं है। मौत क्यों होती है और उसके बाद क्या होता है यह अभी भी रहस्य ही बना हुआ है। इसी बीच मौत के बारे में एक शख्स ने हैरान करने वाला दावा किया है। ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया के रहने वाले शख्स ने दावा किया है कि 90 मिनट के लिए उसकी दिल की धड़कने रुक गईं थीं फिर भी वो जिंदा हो गया और आज भी जीवित है। 

news.com.au की रिपोर्ट के मुताबिक, एलिस्टेयर ब्लेक नाम के शख्स ने एक पॉडकास्ट के दौरान उस दिन का पूरा वाकया बताया है। ब्लेक ने कहा कि वो टेक्निकली 90 मिनट के लिए पूरी तरह से मर चुका था। शरीर की पूरी गतिविधियां थम गईं थी, लेकिन फिर अचानक वो जिंदा हो उठे। 45 साल के एलिस्टेयर बताते हैं कि बाकी दिनों की वह दिन भी सामान्य ही था। बाइक पर 45 किमी की यात्रा कर घर पहुंचना और फिर बिस्तर पर जाने से पहले 35 साल की पत्नी मेलिंडा के साथ समय बिताते थे। उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ।

आगे की कहानी एलिस्टेयर खुद बताते हैं। वो कहते हैं कि सोने के बाद रात करीब साव तीन बजे पत्नी मेलिंगा की नींद खुली तो उसे मैं कराहते हुए दिखा। जिसके बाद उसने आनन-फानन में एंबुलेंस को फोन किया। फोन पर डॉक्टरों ने मेलिंगा से सीपीआर करने को कहा गया। करीब 20 मिनट तक मेलिंडा मुझे सीपीआर देती रही। तब तक डॉक्टर भी पहुंचे और वो भी मुझे सीपीआर देते रहे।

सऊदी अरब को अंजाम भुगतने की धमकी क्यों दे रहा अमेरिका? इस वजह से हुआ आगबबूला
हार मान चुके थे डॉक्टर, तभी पल्स में दिखी थी हरकत

एलिस्टेयर आगे बताते हैं, कुछ देर बाद पुलिस मेलिंडा को एक दूसरे कमरे ले गई और उन्होंने पताया कि पति के जिंदा बचने के चांस बहुत कम हैं। करीब 90 मिनट की तमाम कोशिशों से हारने के बाद पैरामेडिक्स रुकने ही वाले थे कि एलिस्टेयर की पल्स में कुछ हरकत मिली। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें आगे का ट्रीटमेंट देना शुरू किया। करीब एक हफ्ते तक एलिस्टेयर का इलाज किया गया और वो ठीक हो गए।

लोग उनसे सवाल कर रहे थे

एलिस्टर कहते हैं कि हार्ट अटैक की घटना के पांच दिन बाद अस्पताल में जब उनको होश आया तो कुछ भी पता नहीं था। लोग उनसे पूछ रहे थे कि इस दौरान क्या महसूस हो रहा था, आपने कुछ देखा क्या? लेकिन मैंने कुछ भी नहीं देखा। एलिस्टेयर कहते हैं उन्हें केवल बिस्तर पर जाना याद है और फिर अस्पताल में होश आना। 

एलिस्टेयर इकलौते ऐसे शख्स नहीं
बता दें कि एलिस्टेयर इकलौते ऐसे इंसान नहीं है जिनके साथ ऐसा हुआ है और जिन्होंने मौत को काफी करीब से अनुभव किया है। इससे पहले भी बहुत से लोग इस तरह की घटनाओं से गुजर चुके हैं। अमेरिकी महिला जेसी सायर ने भी बताया है कि उन्होंने इस तरह की स्थिति में अपनी एक दोस्त को देखा था जिसकी करीब दो साल पहले मौत हो चुकी थी।

]]>
https://www.myallinone.in/death-happened-for-90-minutes-on-regaining-consciousness-people-asked-the-question-what-did-they-see13-Oct-2022 12:03:19 pm
'परमाणु युद्ध का खतरा कायम है' : यूक्रेन को अमेरिका और नाटो से मिल रहे हथियारों पर भड़का रूसhttps://www.myallinone.in/paramaanu-yuddh-ka-khatara-kaayam-hai-yookren-ko-amerika-aur-naato-se-mil-rahe-hathiyaaron-par-bhadaka-rooshttps://www.myallinone.in/paramaanu-yuddh-ka-khatara-kaayam-hai-yookren-ko-amerika-aur-naato-se-mil-rahe-hathiyaaron-par-bhadaka-roos26-Apr-2022 7:50:21 pmमून मिशन: 2024 में चांद पर पहली बार कदम रखेगी महिला, मिशन पर 2 लाख करोड़ रुपये होंगे खर्चhttps://www.myallinone.in/moon-mission-2024-me-chand-par-phali-bar-kadam-rakhengi-mahila-mission.https://www.myallinone.in/moon-mission-2024-me-chand-par-phali-bar-kadam-rakhengi-mahila-mission.23-Sep-2020 7:17:05 pmयोशिहिदे सुगा: जापान के नए प्रधानमंत्री किसान के बेटेhttps://www.myallinone.in/yoshihinde-suga-japan-ke-naye-pm-kisan-ke-beteउन्हें नेता चुने जाने के लिए अपनी पार्टी के सांसदों और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के 534 में से 377 वोट मिले. अब बुधवार को संसद में वोटिंग होगी जहां पार्टी के बहुमत को देखते हुए उनका प्रधानमंत्री बनना तय है. जापान में अगले संसदीय चुनाव सितंबर 2021 में होंगे. कौन हैं योशिहिदे सुगा एक स्ट्रॉबरी किसान के परिवार में पैदा हुए योशिहिदे सुगा की शीर्ष तक पहुँचने की कहानी उन्हें उस राजनीतिक अभिजात्य वर्ग से अलग करती है जिसका लंबे समय से जापान की राजनीति में दबदबा रहा है. उनका राजनीतिक सफ़र उस समय शुरू हुआ जब उन्होंने टोक्यो के होसेई यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन करने के तुरंत बाद संसदीय चुनाव अभियान के लिए काम किया. बाद में उन्होंने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सांसद के सेक्रेटरी के रूप में काम किया. इसके बाद उन्होंने ख़ुद के राजनीतिक सफ़र की शुरुआत की. वर्ष 1987 में वे योकोहामा सिटी काउंसिल के लिए चुने गए और 1996 में वे पहली बार जापान की संसद के लिए चुने गए. वर्ष 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी ने उन्हें आंतरिक मामलों और संचार विभाग का वरिष्ठ उप मंत्री बनाया. इसके बाद पीएम पद संभालने वाले शिंजो आबे ने सुगा को तीन कैबिनेट पोस्ट देकर वरिष्ठ मंत्री का दर्जा दिया और वे 2007 तक ये ज़िम्मेदारी निभाते रहे. प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ उनके अच्छे रिश्ते बने रहे. जब 2012 में आबे फिर से पीएम बने तो उन्होंने सुगा को मुख्य कैबिनेट सेक्रेटरी का प्रभावी पद सौंपा. पिछले आठ साल से शिंजो आबे के दाहिने हाथ माने जाने वाले सुगा सुर्ख़ियों में बने रहे. उन्हें हर दिन दो बार मीडिया ब्रीफ़िंग करनी पड़ती थी. ये भी माना जाता था कि जापान की जटिल नौकरशाही का प्रबंधन भी उनके ही ज़िम्मे था. जापान में प्रशासन का सार्वजनिक चेहरा माने जाने वाले सुगा के सामने ये भी ज़िम्मेदारी थी कि सम्राट अकिहितो के हटने के बाद 2019 में नए शाही युग का नाम क्या हो. नए सम्राट नरुहितो के अधीन शाही युग का नाम रखा गया- रिवा, जिसका मतलब था सुंदर सदभाव. सुगा ने इसकी घोषणा की थी और इसके कारण प्यार से उन्हें अंकल रिवा कहा जाने लगा. जब इस साल 28 अगस्त को पीएम शिंजो आबे ने ख़राब स्वास्थ्य के कारण पद छोड़ने की घोषणा की तो उसी समय से ये माना जा रहा था कि आबे के उत्तराधिकारी सुगा ही होंगे. दो सितंबर को सुगा ने औपचारिक रूप से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी, लेकिन उस पहले ही पार्टी के ज़्यादातर लोगों ने सुगा को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी थी. इस समर्थन के कारण ही 14 सितंबर को उन्हें पार्टी का नेता चुन लिया गया. वे पहले ऐसा नेता हैं, जो किसी पार्टी के गुट से नहीं आते और न ही उन्हें राजनीति विरासत में मिली है. अब वे जापान के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. जापान के सबसे लंबे समय तक नेता रहे शिंजो आबे के कार्यकाल के बाद योशिहिदे सुगा ही देश में निरंतरता और स्थायित्व का प्रतिनिधित्व करते नज़र आते हैं. जब उन्होंने नेता पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी तो कहा था कि वे शिंजो आबे की आर्थिक नीति जारी रखेंगे, जिसे आबेनॉमिक्स कहा जाता है. आबे ने ये नीति मौद्रिक रूप से सहज माहौल, राजकोषीय प्रोत्साहन और संरचनात्मक सुधारों के आधार पर बनाई थी. सुगा का लक्ष्य जापान के युद्ध के बाद वाले शांतिवादी संविधान में संशोधन का भी है, ताकि सेल्फ़ डिफ़ेंस फ़ोर्स को वैध बनाया जा सके. ये शिंजो आबे का भी अहम एजेंडा रहा है. लेकिन फ़िलहाल उनकी चुनौती कोरोना महामारी और इसके कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटना है. सुगा टेस्टिंग बढ़ाना चाहते हैं और उनका लक्ष्य अगले साल के पहले छह महीनों में उपयुक्त वैक्सीन प्राप्त करना भी है. वे न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाकर, कृषि सुधारों को बढ़ावा देने और पर्यटन को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करना चाहते हैं. विदेश नीति के मोर्चे पर वे अमरीका और जापान के लंबे समय से चल रहे गठबंधन को प्राथमिकता दे रहे हैं और वे स्वतंत्र इंडो-पैसिफ़िक भी चाहते हैं. सुगा का लक्ष्य चीन के साथ स्थिर रिश्ता क़ायम रखना भी है. उनका लक्ष्य 1970 और 1980 के दशक में उत्तर कोरिया द्वारा जापानी नागरिकों के अपहरण का मामला हल करने की कोशिश जारी रखना है. इनमें उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन के साथ बिना शर्त बैठक का भी प्रस्ताव शामिल है.

]]>
https://www.myallinone.in/yoshihinde-suga-japan-ke-naye-pm-kisan-ke-bete31-Mar-2022 7:55:43 am
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से टेलिफोन पर बातचीत कीhttps://www.myallinone.in/pm-modi-ne-japan-ke-pradhan-mantri-shinjo-aabe-se-batchit-ki....
दोनों नेताओं ने भारत-जापान विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के ढांचे के अंतर्गत मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना सहित विभिन्न सहयोग कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की। वे इस बात पर भी सहमत थे कि भारत और जापान के बीच मजबूत तथा चिरस्थायी साझेदारी, कोविड महामारी के बाद के दौर में वैश्विक समुदाय के लिए नया रास्ता तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
दोनों नेताओं ने भारतीय सशस्त्र सेनाओं और जापान की आत्मरक्षा सेनाओं द्वारा एक-दूसरे को विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया। वे इस बात पर भी एकमत थे कि इस समझौते से भारत और जापान के बीच रक्षा सहयोग और सुदृढ होगा तथा हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिलेगी।
 श्री मोदी और श्री आबे ने कोविड महामारी के दौर में अपने-अपने नागरिकों को एक-दूसरे देश की सरकारों द्वारा सहायता उपलब्ध कराए जाने की सराहना की और वे इस बात पर भी सहमत थे कि भारत और जापान के नागरिकों के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंध बनाए रखने के लिए ऐसे प्रयास जरूरी हैं। दोनों नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत-जापान साझेदारी में पिछले कुछ वर्षों में जो तेजी आई है वह भविष्य में इसी तरह जारी रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की नई सरकार के साथ पूरा सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की और प्रधानमंत्री आबे को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
 

]]>
https://www.myallinone.in/pm-modi-ne-japan-ke-pradhan-mantri-shinjo-aabe-se-batchit-ki....11-Sep-2020 2:22:58 pm
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधनhttps://www.myallinone.in/purv-rastpati-pranab-mukherjee-ka-nidhanhttps://www.myallinone.in/purv-rastpati-pranab-mukherjee-ka-nidhan31-Aug-2020 6:06:04 pmप्रदेश सरकार ने जारी की अनलॉक-4 की गाइडलाइंस…जानें क्या खुलेगा https://www.myallinone.in/pradesh-sarkar-ne-jari-ki-unlock-4-ki-gaydline.jane-kya-khulegahttps://www.myallinone.in/pradesh-sarkar-ne-jari-ki-unlock-4-ki-gaydline.jane-kya-khulega31-Aug-2020 9:34:44 amभारत- चीन के बीच जारी सीमा विवाद…फिंगर एरिया से नहीं हटना चाहता चीनhttps://www.myallinone.in/bhart-china-ke-bich-jari-seema-vivad-fingers-ariya-se-nahi-hatana-chahta-chinahttps://www.myallinone.in/bhart-china-ke-bich-jari-seema-vivad-fingers-ariya-se-nahi-hatana-chahta-china16-Jul-2020 8:06:58 amगालवान घाटी में दो किमी पीछे हटे चीनी सैनिक नई सैटेलाइट इमेज से हुआ खुलासाhttps://www.myallinone.in/gaalavaan-ghaatee-mein-do-kimee-peechhe-hate-cheenee-sainik-naee-saitelait-imej-se-hua-khulasahttps://www.myallinone.in/gaalavaan-ghaatee-mein-do-kimee-peechhe-hate-cheenee-sainik-naee-saitelait-imej-se-hua-khulasa08-Jul-2020 8:04:07 amलद्दाख में पीछे हट रहा चीन टेंट भी हटाए गए…https://www.myallinone.in/laddaakh-mein-peechhe-hat-raha-cheen-tent-bhee-hata-diya-gayaसूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने गलवान नदी के मोड़ से हटना शुरू कर दिया है और इस इलाके से अस्थायी ढांचों और टेंट को हटा दिया गया है. वर्तमान में, यह प्रक्रिया सिर्फ गलवान घाटी तक में सीमित है. सूत्रों ने कहा, “हमें यह देखना होगा कि क्या पीछे हटने और तनाव कम करने की यह एक स्थायी, वास्तविक प्रक्रिया है.” सूत्रों के मुताबिक, दोनों ओर बने अस्थायी ढांचों को हटा दिया गया है. इसका भौतिक रूप से सत्यापन भी किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक लद्दाख के दौर पर जाने के तीन दिन बाद चीन सेना के पीछे हटने की खबर आ रही है. लद्दाख में पीएम मोदी ने चीन का नाम लिए बिना कहा था कि “विस्तारवाद की उम्र खत्म हो गई है. यह विकास की उम्र है. इतिहास गवाह है कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या वापस लौटने के लिए मजबूर हो गई हैं,”

गलवान घाटी में सैन्य झड़प के बाद, भारत और चीन सेना के कमांडर स्तर पर तीसरे दौर की बैठक के पश्चात् दोनों सेनाओं के पीछे हटने की बात सामने आ रही है. गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प में भारत के 20 जवानों की जान गई थी जबकि चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों के हताहत होने की खबर आई थी.

दोनों देशों की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था.

]]>
https://www.myallinone.in/laddaakh-mein-peechhe-hat-raha-cheen-tent-bhee-hata-diya-gaya07-Jul-2020 7:58:07 pm