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विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर गुग्गुल करे कई रोगों का उपचार

  • 31-Mar-2022
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गुग्गुल या गुग्गल एक वृक्ष है। इससे प्राप्त राल जैसे पदार्थ को भी गुग्गल कहा जाता है। भारत में इस जाति के दो प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं। एक को कॉमिफ़ोरा मुकुल तथा दूसरे को कॉ. रॉक्सबर्घाई कहते हैं। अफ्रीका में पाई जाने वाली प्रजाति कॉमिफ़ोरा अफ्रिकाना कहलाती है। घरों में शुद्ध वातावरण के लिए गुग्गुल की धूप जलाना शुभ माना जाता है।
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आयुर्वेद के मतानुसार यह कटु तिक्त तथा उष्ण है और कफ, बात, कास, कृमि, क्लेद, शोथ और अर्श नाशक है। गुग्गुल का उपयोग औषधि के रुप में किया जाता है। इसमें विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट, क्रोमियम जैसे अनेक घटक होते हैं। इनके कारण गुग्गल कई प्रकार के रोगों के लिए फायदेमंद साबित होता है। चलिये अब ये जानते हैं कि गुग्गुल किन-किन बीमारियों में फायदेमंद हैं। -योगराज गुग्गुलु को सुबह शाम त्रिफला काढ़ा के साथ सेवन करने से नेत्र संबंधी विभिन्न रोगों में लाभ होता है। - अगर आप कान से बदबू निकलने की परेशानी से कष्ट पा रहे हैं तो गुग्गुल के धूम से धूपन करने से कान से बदबू निकलना कम होती है। - 3 माह तक अन्न का परित्याग करके केवल दूध के आहार पर रहते हुए शुद्ध गुग्गुलु का सेवन करने से उदर रोग में अत्यंत लाभ होता है। - त्रिफला काढ़ा के साथ गुग्गुलु का सेवन करने से भगन्दर रोग (फिस्टुला) में फायदा मिलता है। - गुग्गुलु, लहसुन, हींग तथा सोंठ को जल के साथ लेने से अर्श या कृमि के इलाज में मदद मिलती है। - आजकल की जीवन शैली में जोड़ों में दर्द किसी भी उम्र में हो जाता है। योगराज गुग्गुलु को बृहत्मंजिष्ठादि काढ़ा अथवा गिलोय काढा के साथ सुबह शाम देने से जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है। - त्रिफला काढ़ा अथवा रस में गुग्गुलु मिलाकर पीने से बहने वाले घाव को ठीक होने में मदद मिलती है। स्किन यानी त्वचा सम्बंधित परेशानियों में भी गुग्गुल लाभदायक होता है क्योंकि इसमें कषाय गुण होने के कारण यह त्वचा को स्वस्थ बनाये रखता है इसके अलावा यह त्वचा से कील - मुहासें जो कि तैलीय त्वचा ने अधिक होते हैं, कषाय होने से यह उनको भी दूर करने में मदद करता है। - गुग्गुल में वात और कफ को कम करने का गुण होने के कारण एवं एक रसायन औषधि होने के वजह से यह डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है। - कब्ज एक ऐसी समस्या है जो कि पाचन के गड़बड़ होने के कारण एवं वात दोष के बढऩे के कारण होती है। गुग्गुल में उष्ण गुण होने के कारण यह पाचन को स्वस्थ बनाता साथ ही वात दोष को कम करता है। इस कारण गुग्गुल कब्ज से राहत देने में सहायक होता है। - गंजापन एक ऐसी समस्या है जो कि वात -पित्त और कफ दोष के बिगडऩे की वजह से होती है। गुग्गुल में, दीपन - पाचन एवं वात - कफ शमन गुण होने के कारण ये यह इस समस्या में भी लाभदायक होता है। - एसिडिटी का एक कारण अपचन होता है । गुग्गुल में उष्ण एवं दीपन-पाचन गुण पाए जाने के कारण यह पाचक अग्नि को बढ़ाकर पाचन को स्वस्थ बनाये रखता है । साथ ही यह एसिडिटी को भी कम करने में सहयोगी होता है। - फ्रैक्चर हो जाने के कारण वात दोष बढ़ जाता है एवं हड्डियों में कमजोरी-सी आ जाती है। गुग्गुल में वात शामक एवं बल्य गुण होने के कारण यह हड्डियों को बल प्रदान करता है एवं उसे जल्दी ठीक होने में सहयोग देता है।