Madhya Pradesh
Drink to the heart of India, Madhya Pradesh, a state which exudes endlessness in every way. The fantastic land is an intoxicating admixture of rich history, vibrant sights, admiration inspiring art and sanctuaries. From north to south, east to west, Madhya Pradesh is adorned with beautiful sightseer lodestones.
विदिशा परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ – Vidisha Tourism
विदिशा मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का à¤à¤• बहà¥à¤¤ बड़ा परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤² है और यदि आप इतिहास के बारे में जानने की रूचि रखते हैं पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¤à¥à¤µ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ हैं, तो आपको इस जगह पर अपने जीवन में à¤à¤• बार जरà¥à¤° आना चाहिà¤à¥¤
शिवपà¥à¤°à¥€ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨- Shivpuri Tourism
शिवपà¥à¤°à¥€ मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ का à¤à¤• का पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ शहर है, जिसका अपना अलग à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• महतà¥à¤µ है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह उस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के आसपास है, जहाठहिंदू और मà¥à¤—ल शासकों ने समय तक शासन किया है।
अमरकंटक परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨- Amarkantak Tourism
अमरकंटक मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– तीरà¥à¤¥à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है जिसकी वजह से इसे “तीरà¥à¤¥à¤°à¤¾à¤œâ€ (तीरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का राजा) के रूप में à¤à¥€ जाना जाता है। बता दें कि अमरकंटक 1065 मीटर की ऊंचाई पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• हिल सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ है,
à¤à¥‹à¤œà¤ªà¥à¤° परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ – Bhojpur Tourism
मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की राजधानी à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के पास à¤à¥‹à¤œà¤ªà¥à¤° गाà¤à¤µ में à¤à¤• अधूरा हिंदू मंदिर है, जो à¤à¤—वानॠशिव को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसके गरà¥à¤à¤—ृह में à¤à¤• 7.5 फीट ऊंचा लिंग है।
होशंगाबाद परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ – Hoshangabad Tourism
मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ नदी के किनारे पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होशंगाबाद जिला घूमने की à¤à¤• बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥€ जगह है जिसमें कई परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤² शामिल है। यह शहर आकरà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ और à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ के मिशà¥à¤°à¤£ के साथ आपको à¤à¤• अलग शांति का अनà¥à¤à¤µ कराता है।
ओंकारेशà¥à¤µà¤° परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ - Omkareshwar Tourism
ओंकारेशà¥à¤µà¤° मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का à¤à¤• पवितà¥à¤° और दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤² है जो नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ और कावेरी नदियों के संगम पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। इस शहर का नाम ओमकारा’ से लिया गया है जो à¤à¤—वानॠशिव का à¤à¤• नाम है।
à¤à¥€à¤®à¤¬à¥‡à¤Ÿà¤•à¤¾ गà¥à¤«à¤¾à¤¯à¥‡ – Bhimbetka Tourism
à¤à¥€à¤®à¤¬à¥‡à¤Ÿà¤•à¤¾ गà¥à¤«à¤¼à¤¾à¤à¤ (à¤à¥€à¤®à¤¬à¥‡à¤Ÿà¤•à¤¾ रॉक शेलà¥à¤Ÿà¤° या à¤à¥€à¤®à¤¬à¥ˆà¤ का) à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मधà¥à¤¯-पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ के रायसेन जिले में à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¤¾à¤·à¤¾à¤£à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² है। जो मधà¥à¤¯-पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ की राजधानी à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के दकà¥à¤·à¤¿à¤£-पूरà¥à¤µ में लगà¤à¤— 46 किलोमीटर की दूरी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है।
मांडू परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ – Mandu Tourism
मांडू मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का के बहà¥à¤¤ खास परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤² है जो पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ ने हासिल वासà¥à¤¤à¥ उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। यह शहर राजकà¥à¤®à¤¾à¤° बाज बहादà¥à¤° और रानी रूपमती के सचà¥à¤šà¥‡ पà¥à¤¯à¤¾à¤° को बताता है। बता दें कि मांडू à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤• à¤à¥€ है जो काफी पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है।
पचमढ़ी परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ - Pachmarhi Tourism
पचमढ़ी मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ के होशंगाबाद जिले में सà¥à¤¤à¤¿à¤¥, à¤à¤• खूबसूरत हिल सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ है। शà¥à¤°à¥€ पाच पांडव गà¥à¤«à¤¾ पंचमढी, जटाशंकर, सतपà¥à¤¡à¤¼à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ यहां के मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£ है यह बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ राज के बाद à¤à¤• छावनी (पचमढ़ी छावनी) का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रहा है।Â
ओरछा परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨- Orchha Tourism
ओरछा मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में घूमने के लिठअचà¥à¤›à¥€ जगहों में से à¤à¤• है। बेतवा नदी के तट पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ यह शहर अपने किले, मंदिरों और महलों के लिठजाना-जाता है।
à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨- Bhopal Tourism
à¤à¥‹à¤œà¤¤à¤¾à¤² जिसे बड़ा तालाब या बड़ी à¤à¥€à¤² के नाम से à¤à¥€ जाना जाता है मधà¥à¤¯-पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ की राजधानी à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के बिलà¥à¤•à¥à¤² मधà¥à¤¯ में है। इस à¤à¥€à¤² का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ परमार राजा à¤à¥‹à¤œ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 11वी सदी में करवाया गया था। इस तालाब के मधà¥à¤¯ में राजा à¤à¥‹à¤œ की à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ है, जो परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ के लिठआकरà¥à¤·à¤£ का केंदà¥à¤° है इस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ में उनके हाथ में à¤à¤• तलवार सà¥à¤¶à¥‹à¤à¤¿à¤¤ हो रही है। बड़ी à¤à¥€à¤² à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² की सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥€à¤² है जिसे आमतौर पर à¤à¥‹à¤œà¤¤à¤¾à¤² के नाम से जाना जाता है इसी तालाब से à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के निवासियों के लिठ40% पीने के पानी की पूरà¥à¤¤à¥€ की जाती है।
à¤à¥‡à¤¡à¤¼à¤¾à¤˜à¤¾à¤Ÿ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨- Bhedaghat Tourism
अगर आप मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में à¤à¤°à¤¨à¥‹à¤‚ और संगमरमर की चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का आनंद लेना चाहते हैं, तो जबलपà¥à¤° के पास सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¥‡à¤¡à¤¼à¤¾à¤˜à¤¾à¤Ÿ जाना अचà¥à¤›à¤¾ विकलà¥à¤ª है। à¤à¥‡à¤¡à¤¼à¤¾à¤˜à¤¾à¤Ÿ मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के जबलपà¥à¤° जिले में à¤à¤• शहर और नगर पंचायत है। जबलपà¥à¤° शहर से लगà¤à¤— 20 किमी दूर à¤à¥‡à¤¡à¤¼à¤¾à¤˜à¤¾à¤Ÿ नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ नदी के किनारे सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। à¤à¥‡à¤¡à¤¼à¤¾à¤˜à¤¾à¤Ÿ को संगमरमरीय सौंदरà¥à¤¯ और शानदार à¤à¤°à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठही जाना जाता है, साथ ही धà¥à¤†à¤‚धार जलपà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ चमकती हà¥à¤ˆ मारà¥à¤¬à¤² की 100 फीट ऊंची चटà¥à¤Ÿà¤¨à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¥€ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ के बीच पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है।
गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ – Gwalior Tourism
गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° किला à¤à¤¾à¤°à¤¤ में घूमने की सबसे अचà¥à¤›à¥€ जगहों में से à¤à¤• है। ये किला मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ जगह में से à¤à¤• है। गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° फोरà¥à¤Ÿ मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ के गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° शहर में à¤à¤• पहाड़ी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है, जिसे “गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° का किला†के नाम से à¤à¥€ जाना-जाता है। इस किले की ऊंचाई 35 मीटर है। यह किला करीब 10वीं शताबà¥à¤¦à¥€ से असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में है। लेकिन इस किले में जो किला परिसर है उसके अंदर मिले शिलालेख और सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤• इस बात का संकेत देते हैं कि à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ हो सकता है कि यह किला 6 वीं शताबà¥à¤¦à¥€ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में रहा हो। इस किले के इतिहास के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इसे विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ शासकों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया गया है। अगर आप गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° की सेर करने आये हैं तो आप यहाठसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° किला जरà¥à¤° घूमे।
महाकालेशà¥à¤µà¤° मंदिर उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ - Mahakaleshwar Jyotirlinga Ujjain
महाकालेशà¥à¤µà¤° मंदिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ के 12 जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚गों में से à¤à¤• है जो मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ में रà¥à¤¦à¥à¤° सागर à¤à¥€à¤² के किनारे बसे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शहर उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है जो हिंदà¥à¤“ं के सबसे पवितà¥à¤° और उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। इस मंदिर में दकà¥à¤·à¤¿à¤£ मà¥à¤–ी महाकालेशà¥à¤µà¤° महादेव à¤à¤—वान शिव की पूजा की जाती है। महाकाल के यहां पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ सà¥à¤¬à¤¹ के समय à¤à¤¸à¥à¤® आरती होती है। इस आरती की खासियत यह है कि इसमें मà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡ की à¤à¤¸à¥à¤® से महाकाल का शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार किया जाता है। इस जगह को à¤à¤—वान शिव का पवितà¥à¤° निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ माना जाता है। यहां पर आधà¥à¤¨à¤¿à¤• और वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ जीवन शैली होने के बाद à¤à¥€ यह मंदिर यहां आने वाले परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ को पूरी तरह से मन की शांति पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है।
कानà¥à¤¹à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨- Kanha National Park
कानà¥à¤¹à¤¾ नेशनल पारà¥à¤• मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ यह मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सबसे बड़ा राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ है, जो राषà¥à¤Ÿà¥€à¤¯ पशॠबाघ और à¤à¤¸à¥‡ कई जंगली जानवरों का आवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिठपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है। कानà¥à¤¹à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ के मंडला जिले में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤¸à¤¾ कसà¥à¤¬à¤¾ है जो यहाठआने वाले परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ को अपनी पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤°à¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤‚दरता से आनंदित कर देता है। कानà¥à¤¹à¤¾ नेशनल पारà¥à¤• की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ वरà¥à¤· 1955 में हà¥à¤ˆ थी और तब से यहां पर कई लà¥à¤ªà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ किया गया है। 1974 में कानà¥à¤¹à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ को पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ टाइगर रिजरà¥à¤µ के तहत लिया गया था। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में नेशनल पारà¥à¤• का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° 940 वरà¥à¤— किलोमीटर में फैला है जिसको दो अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯à¥‹à¤‚ हॉलन और बंजार में विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ किया गया है।
बांधवगढ़ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ - Bandhavgarh National Park
बांधवगढ़ नेशनल पारà¥à¤• मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सबसे खास परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है जो पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ समय में रीवा के महाराजाओं के लिठशिकारगाह था। यह राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ बाघ अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ के रूप पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में जाना जाता है।
खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ कामà¥à¤• मंदिर - Khajuraho Erotic Temples
खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मधà¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ का à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही खास शहर और परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• सà¥à¤¥à¤² है जो अपने पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ और मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ मंदिरों के लिठदेश à¤à¤° में ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है। मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में कामसूतà¥à¤° की रहसà¥à¤¯à¤®à¤ˆ à¤à¥‚मि खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ अनादिकाल से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° के परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ को आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करती रही है। छतरपà¥à¤° जिले का यह छोटा सा गाà¤à¤µ सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤•à¤°à¤£à¥€à¤¯ कामà¥à¤• समूह के कारण विशà¥à¤µ-पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है, जिसके कारण इसने यूनेसà¥à¤•à¥‹ की विशà¥à¤µ धरोहर सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ की सूची में अपना सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बनाया है।खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ का पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ मंदिर मूल रूप से मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में हिंदू और जैन मंदिरों का à¤à¤• संगà¥à¤°à¤¹ है। ये सà¤à¥€ मंदिर बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ और पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ चंदेल वंश के राजाओं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 950 और 1050 के बीच कहीं बनवाया गया था।