Life Shayari

Life Shayari

मà¥à¤à¥‡ ज़िंदगी का इतना तजà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾

मà¥à¤à¥‡ ज़िंदगी का इतना तजà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾
तो नहीं है दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚,
पर लोग कहते हैं
यहाठसादगी से कटती नहीं।

अब समठलेता हूà¤

अब समठलेता हूà¤
मीठे लफ़à¥à¥›à¥‹à¤‚ की कड़वाहट,
हो गया है ज़िंदगी का
तजà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾ थोड़ा थोड़ा।

हर बात मानी है

हर बात मानी है
तेरी सिर à¤à¥à¤•à¤¾ कर ठज़िंदगी,
हिसाब बराबर कर तू भी
तो कà¥à¤› शरà¥à¤¤à¥‡à¤‚ मान मेरी।

अकेले ही गà¥à¤œà¤° जाती है

अकेले ही गà¥à¤œà¤° जाती है 
तनà¥à¤¹à¤¾ ज़िंदगी,
लोग तसलà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤ तो देते हैं 
साथ नहीं देते।

ज़िंदगी जिसका बड़ा नाम सà¥à¤¨à¤¾ है हमने

ज़िंदगी जिसका बड़ा नाम सà¥à¤¨à¤¾ है हमने,
à¤à¤• कमजोर सी हिचकी के सिवा कà¥à¤› भी नहीं।

ये कशमकश है

ये कशमकश है
कैसे बसर ज़िंदगी करें,
पैरों को काट फेंके
या चादर बड़ी करें।

नफरत सी होने लगी है

नफरत सी होने लगी है
इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहà¥à¤à¤šà¤¾ दे
खतà¥à¤® होने से पहले।

इक टूटी-सी ज़िंदगी

इक टूटी-सी ज़िंदगी को समेटने की चाहत थी,
न खबर थी उन टà¥à¤•à¥œà¥‹à¤‚ को ही बिखेर बैठेंगे हम।

समंदर न सही पर à¤à¤• नदी तो होनी चाहिà¤

समंदर न सही पर à¤à¤• नदी तो होनी चाहिà¤,
तेरे शहर में ज़िंदगी कहीं तो होनी चाहिà¤à¥¤

जीवन का à¤à¤• अलग तरीका है...

जीवन का à¤à¤• अलग तरीका है ...
आदमी की खातिर कांटे भी कबूल हैं ...
मà¥à¤à¥‡ कांच के टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‹à¤‚ पर भी हंसने दो…
अगर आदमी कहता है ये मेरे फूल हैं!
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