Friendship Shayari

Friendship Shayari

लगे ना नज़र इस रिशà¥à¤¤à¥‡ को ज़माने की

लगे ना नज़र इस रिशà¥à¤¤à¥‡ को ज़माने की,
पड़े ना ज़रूरत कभी à¤à¤• दूजे को मानने की,
आप ना छोड़ना मेरा साथ वरना,
तमनà¥à¤¨à¤¾ ना रहेगी फिर दोसà¥à¤¤ बनाने की!

याद à¤à¤¸à¤¾ करो की कोई हद न हो

याद à¤à¤¸à¤¾ करो की कोई हद न हो,
भरोसा इतना करना की शक न हो और
इंतेज़ार इतना करो की कोई वक़à¥à¤¤ न हो,
दोसà¥à¤¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ करो की कभी नफरत न हो! ?

समà¥à¤‚दर ना हो तो कशà¥à¤¤à¥€â€‹ किस काम कीं

समà¥à¤‚दर ना हो तो कशà¥à¤¤à¥€â€‹ किस काम कीं,
​मजाक​ ना हो तो मसà¥à¤¤à¥€â€‹ किस काम की,
दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚​ के लिठतो कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨ है ये ज़िंदगी,
अगर ​दोसà¥à¤¤â€‹ ही ना हो तो फिर ये जिंदगी​ किस काम कीं। ?

हर खà¥à¤¶à¥€ दिल के करीब नहीं होती

हर खà¥à¤¶à¥€ दिल के करीब नहीं होती,
ग़मों से जिनà¥à¤¦à¤—ी दूर नहीं होती,
ठमेरे दोसà¥à¤¤ “दोसà¥à¤¤à¥€â€ संजो कर रखना,
हर किसी को दोसà¥à¤¤à¥€ नसीब नहीं होती।

हम दोसà¥à¤¤ बनाकर किसी को रà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ नही

हम दोसà¥à¤¤ बनाकर किसी को रà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ नही
दिल में बसाकर किसी को भà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ नही
हम तो दोसà¥à¤¤ के लिठजान भी दे सकते हैं
पर लोग सोचते हैं की हम दोसà¥à¤¤à¥€ निभाते नहीं।

रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की किताब का कवर है दोसà¥à¤¤à¥€

रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की किताब का कवर है दोसà¥à¤¤à¥€,
दोसà¥à¤¤à¥€ से बनी है हमारी हसà¥à¤¤à¥€,
खून के रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की बात आप करते हैं,
हमारे लिठतो ज़िनà¥à¤¦à¤—ी है आप की दोसà¥à¤¤à¥€à¥¤

दोसà¥à¤¤à¥€ कोई खोज नहीं होती

दोसà¥à¤¤à¥€ कोई खोज नहीं होती,
दोसà¥à¤¤à¥€ किसी से हर रोज़ नहीं होती,
अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह मत समà¤à¤¨à¤¾,
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पलकें आà¤à¤–ों पर कभी बोठनहीं होती।

à¤à¤• पहचान हज़ारो “दोसà¥à¤¤â€ बना देती हैं

à¤à¤• पहचान हज़ारो “दोसà¥à¤¤â€ बना देती हैं,
à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤¨ हज़ारो गम भà¥à¤²à¤¾ देती हैं,
ज़िंदगी के सफ़र मे संभाल कर चलना,
à¤à¤• ग़लती हज़ारो सपने जला कर राख देती है।

फà¥à¤²?? हो तà¥à¤® मà¥à¤°à¤à¤¾à¤¨à¤¾ नहीं

फà¥à¤²?? हो तà¥à¤® मà¥à¤°à¤à¤¾à¤¨à¤¾ नहीं,

अपने इस दोसà¥à¤¤?? को कभी भà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ नहीं,

जब तक हम जिनà¥à¤¦à¤¾ है,

ठदोसà¥à¤¤ कभी किसी से घबराना? नहीं। 

दोसà¥à¤¤à¥€ का रिशà¥à¤¤à¤¾ दो अंजानो को जोड देता है,

हर कदम पर जिनà¥à¤¦à¤—ी को नया मोड देता है,

सचà¥à¤šà¤¾ दोसà¥à¤¤ साथ देता है,

तब जब अपना साया भी साथ छोड देता है।

 #फरà¥à¤• तो अपने-अपने #सोच में है….

वरना #दोसà¥à¤¤à¥€ भी मोहबà¥à¤¬à¤¤ से कम नही होती। ?

हर दूरी मिटानी पड़ती है

हर दूरी मिटानी पड़ती है
हर बात बतानी पड़ती है
लगता है दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के पास वक़à¥à¤¤ ही नहीं है
आज कल.. खà¥à¤¦ अपनी याद दिलानी पड़ती है.
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