Sad Shayari
ज़िनà¥à¤¦à¤—ी à¤à¥€ हो सकती थी,
तà¥à¤® ज़रा ठहरते,
तो à¤à¤• शायर की शायरी à¤à¥€ हो सकते थे!
मैं बिखर गया मà¥à¤à¥‡
समेट तू मà¥à¤à¥‡ धूल
गरà¥à¤¦ में यूं ना उड़ा…
तेरे सोहबत की आदत सी थी
बेदिली से यूं ना सता…
मेरी सांस बन के रहेगी तू वादे जो थे यूठना à¤à¥à¤²à¤¾â€¦
तà¥à¤à¥‡ चाहना है क़à¥à¤¸à¥‚र अब सरेबाज़ार यूठइशà¥à¤•़ ना लà¥à¤Ÿà¤¾â€¦
अब रà¥à¤²à¤¾à¤¨à¥‡ की वजह à¤à¥€ तà¥à¤®
बने......
कैसे रोकूं इस दिल का रोना,
तेरे इशà¥à¥˜ ने दिया है सà¥à¤•ून इतना,
जाने के बाद तेरे हर पल लगे सà¥à¤¨à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾ |
उसे à¤à¥‚लने के लिठबड़ा वक़à¥à¤¤ चाहिà¤à¥¤
"इशà¥à¤•़" हूठकोई ज़ेवर नहीं जो उतार दोगे तà¥à¤®à¥¤
रूह सी निकलती है इस जिसà¥à¤® से,
दूर जाने के खà¥à¤¯à¤¾à¤² à¤à¤° से ही,
आ à¤à¥€ जाओ मेरी आà¤à¤–ों के रू-ब-रू अब तà¥à¤®,
कितना खà¥à¤µà¤¾à¤¬à¥‹ में तà¥à¤à¥‡ तलाश करूं।
हज़ार रातों में वो à¤à¤• रात होती है,
निगाह उठाकर जब देखते हैं वो मेरी तरफ,
मेरे लिठवो ही पल पूरी कायनात होती है।