Sad Shayari

दिन खूबसूरत था,
ज़िनà¥à¤¦à¤—ी भी हो सकती थी,
तà¥à¤® ज़रा ठहरते,
तो à¤à¤• शायर की शायरी भी हो सकते थे!
मेरे लफà¥à¤œà¤¼ लफ़à¥à¤œà¤¼ में तेरी बात है मेरा हरà¥à¤« हरà¥à¤« यूं ना मिटा…
मैं बिखर गया मà¥à¤à¥‡
समेट तू मà¥à¤à¥‡ धूल
गरà¥à¤¦ में यूं ना उड़ा…
तेरे सोहबत की आदत सी थी
बेदिली से यूं ना सता…
मेरी सांस बन के रहेगी तू वादे जो थे यूठना भà¥à¤²à¤¾â€¦
तà¥à¤à¥‡ चाहना है क़à¥à¤¸à¥‚र अब सरेबाज़ार यूठइशà¥à¤•़ ना लà¥à¤Ÿà¤¾â€¦
मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ की वजह तà¥à¤® थे…
अब रà¥à¤²à¤¾à¤¨à¥‡ की वजह भी तà¥à¤®
बने......
जà¥à¥œà¤•र टूटना ,टूटकर जà¥à¥œà¤¨à¤¾,
कैसे रोकूं इस दिल का रोना,
तेरे इशà¥à¥˜ ने दिया है सà¥à¤•ून इतना,
जाने के बाद तेरे हर पल लगे सà¥à¤¨à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾ | 
वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ये मोहबà¥à¤¬à¤¤ अधूरी कर गई,
अब हमे तनà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤¯à¤¾à¤‚ चà¥à¤­à¤¤à¥€ है तो कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤†,
कम से कम उसकी सारी तमनà¥à¤¨à¤¾à¤à¤‚ तो पूरी हो गई।
दिन हà¥à¤† है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।
वो पà¥à¤¯à¤¾à¤° है ही इतना पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾,
ज़िंदगी रही तो मà¥à¤²à¤¾à¤•ात भी होगी।
सोचा था तड़पायेंगे हम उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚,
फिर सोचा मैंने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तड़पाके दरà¥à¤¦ मà¥à¤à¤•ो ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताठहम उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚।
हम पर जो गà¥à¤œà¤°à¥€ है, 
तà¥à¤® कà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤¨ पाओगे,
नाजà¥à¤• सा दिल रखते हो, 
रोने लग जाओगे।
मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¤à¥‡à¤‚ बीत गई खà¥à¤µà¤¾à¤¬ सà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¤¾ देखे,
जागता रहता है हर नींद में बिसà¥à¤¤à¤° मेरा।
बà¥à¤²à¤¾ रहा है 
कौन मà¥à¤à¤•ो उस तरफ,
मेरे लिठभी कà¥à¤¯à¤¾ कोई उदास बेक़रार है।
जिसके नसीब मे हों 
ज़माने की ठोकरें,
उस बदनसीब से ना 
सहारों की बात कर।
बहà¥à¤¤ अंदर तक बसा था वो शख़à¥à¤¸ मेरे,
उसे भूलने के लिठबड़ा वक़à¥à¤¤ चाहिà¤à¥¤
मेरे बिना कà¥à¤¯à¤¾ अपने आप को सà¤à¤µà¤¾à¤° लोगे तà¥à¤®,
"इशà¥à¤•़" हूठकोई ज़ेवर नहीं जो उतार दोगे तà¥à¤®à¥¤
आसां नही यहाठकिसी को खà¥à¤¦ से जà¥à¤¦à¤¾ कर पाना,
रूह सी निकलती है इस जिसà¥à¤® से, 
दूर जाने के खà¥à¤¯à¤¾à¤² भर से ही,
आ भी जाओ मेरी आà¤à¤–ों के रू-ब-रू अब तà¥à¤®,
कितना खà¥à¤µà¤¾à¤¬à¥‹ में तà¥à¤à¥‡ तलाश करूं।
सकून मिलता है जब उनसे बात होती है,
हज़ार रातों में वो à¤à¤• à¤°à¤¾à¤¤ à¤¹à¥‹à¤¤à¥€ है,
निगाह उठाकर जब देखते हैं वो मेरी तरफ,
मेरे लिठवो ही पल पूरी कायनात होती है।