National News

Opinion: पीएम मोदी ने हर संकट को बड़ी सजहजा से बना दिया आसान

  • 14-Feb-2024
  • 713

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीब 10 साल का कार्यकाल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का रहा. पीएम मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में हुई पहली कैबिनेट बैठक में भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ कानून को मंजूरी दी थी. पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल की बात करें तो देश में आमूलचूल परिवर्तन की नींव रखी गई. उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में ही जनधन अकाउंट के जरिये देश के करोड़ लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा. इसके साथ ही उज्ज्वला, शौचालय, स्वच्छता जैसी योजनाएं चलाईं, जिसने देशवासियों के जीवन में क्रांतिकारी और आमूलचूल परिवर्तन लाया.

National News Opinion: पीएम मोदी ने हर संकट को बड़ी सजहजा से बना दिया आसान

दूसरे कार्यकाल में उठाए बड़े कदम
पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए बड़े फैसलों लिए. उनका कहना है कि सरकार जम्मू-कश्मीर को सामाजिक न्याय का वादा देकर संतोष का अनुभव कर रही है. पहले आतंकवाद नासूर बनकर देश के सीने पर गोलियां चलाता रहता था. मां भारती की धरा आए दिन रक्तरंजित होती थी. देश के अनेक वीर, होनहार सपूत आतंकवाद की बलि चढ़ जाते थे. हम आंतकवाद के विरुद्ध थे. ऐसे में हमारी संसद ने आतंकवाद के खिलाफ कई कानून बनाए.

पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में कोरोना महामारी जैसी बड़ी त्रासदी सामने आई जो कि सदी का सबसे बड़ा संकट था. पीएम मोदी उस महामारी का जिक्र करते हुए कहा था, ‘आक्रोश और आरोप के पल आए, लेकिन आपने पूरे धैर्य के साथ पूरी स्थितियों को सूझबूझ के साथ संभाला. इस पांच वर्ष में इस सदी का सबसे बड़ा संकट पूरी मानव जाति ने झेला. कौन बचेगा, कौन बच पाएगा, कोई किसी को बचा सकता है या नहीं… ऐसी वो अवस्था थी. उनके नेतृत्व में देश के काम को रुकने नहीं दिया गया. विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण और खाद्यान अभियान को इसी दौरान चलाया गया.’

दूसरे कार्यकाल में बनाए गए कई क्रांतिकारी कानून
पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण को लेकर नारी शक्ति वंदन कानून जैसे बड़े और क्रांतिकारी कानून बनाए गए. इसके साथ ही आपराधिक कानूनों में भी बदलाव किया गया. 75 वर्षों तक अंग्रेजों की दी गई भारतीय दंड संहिता (IPC) लागू रहा, लेकिन इसमें पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ही बदलाव किए. सरकार ने अंग्रेजों के जमाने के 125 साल से अधिक पुराने कानून- भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और एविडेंस एक्ट को बदल दिया है. अब इन तीनों कानूनों की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य कानून (BSK) अस्तित्व में आने वाला है.